नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ Amit Shah की महत्वपूर्ण बैठक, किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
आज केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इस बैठक के दौरान गृह मंत्री शाह राज्यों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करेंगे और नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए नई रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। यह बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित की जा रही है, जहां नक्सल प्रभावित राज्यों के विकास कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस बैठक में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री और विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे।
बैठक में कौन-कौन शामिल होंगे?
इस महत्वपूर्ण बैठक में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा, 5 केंद्रीय मंत्री और केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहेंगे, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाने में राज्यों की सहायता कर रहे हैं। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के उप प्रमुख, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे। यह बैठक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकासात्मक कार्यक्रमों और सुरक्षा उपायों की गहन समीक्षा के लिए आयोजित की गई है।
2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में सरकार नक्सल प्रभावित राज्यों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। सरकार ने न केवल सुरक्षा बलों की तैनाती को बढ़ाया है, बल्कि प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के विकास, सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार जैसे विकास कार्यों पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
अक्टूबर 2023 में भी हुई थी समीक्षा बैठक
गृह मंत्री अमित शाह ने इससे पहले अक्टूबर 2023 में भी नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। उस बैठक में नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। इसके बाद, कई क्षेत्रों में नक्सलवाद को नियंत्रित करने में सरकार को महत्वपूर्ण सफलता मिली है।
नक्सली हिंसा में कमी
सरकार की रणनीति और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण, नक्सली हिंसा में उल्लेखनीय कमी आई है। 2010 की तुलना में 2023 में हिंसा में 72 प्रतिशत की कमी और मौतों में 86 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। यह आंकड़े सरकार की सफल रणनीति को दर्शाते हैं और इस बात का संकेत देते हैं कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
सुरक्षा बलों की सफलता
सरकार के अनुसार, 2024 के पहले नौ महीनों में सुरक्षा बलों ने माओवादियों के खिलाफ अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। इस दौरान 202 माओवादी मारे गए हैं और 723 ने आत्मसमर्पण किया है। यह आंकड़े नक्सलवाद के कमजोर होते प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। इसके साथ ही, नक्सलवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 2024 में घटकर केवल 38 रह जाएगी, जो कि सरकार की नक्सल उन्मूलन की दिशा में बड़ी सफलता है।
किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल होंगे:
- विकास कार्यों में तेजी: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे का विकास और जन कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन तेज़ी से किया जा रहा है। बैठक में इन क्षेत्रों में सड़क निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। सरकार का मानना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों की कमी के कारण नक्सलवाद पनपता है, और इसीलिए विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है।
- सुरक्षा बलों की तैनाती और उनकी रणनीति: सुरक्षा बलों की तैनाती और उनकी रणनीतियों की समीक्षा बैठक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगी। नक्सलवाद से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की सक्रियता और उनके द्वारा अपनाई जा रही रणनीतियों पर विचार किया जाएगा। साथ ही, नए सुरक्षा उपायों पर भी चर्चा की जाएगी, ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित की जा सके।
- जनजातीय समुदायों की भागीदारी: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा में लाने के प्रयासों पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी। सरकार का मानना है कि जब तक इन समुदायों को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलेंगी, तब तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करना कठिन होगा। इसलिए, सरकार जनजातीय समुदायों के लिए विशेष योजनाओं पर भी विचार कर रही है।
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राज्य और केंद्र के बीच समन्वय: नक्सलवाद से निपटने के लिए राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया जाएगा। बैठक में केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल और नीतियों के समन्वयन पर चर्चा होगी, ताकि नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई को और प्रभावी बनाया जा सके।